* सन्त जहाँ भी जाते हैं अपनी भक्ति की सिखलाई ,
अपनी भक्ति की महक साथ लेकर जाते हैं
उस महक से सरे संसार को महका देते हैं |
* प्यार , नम्रता , विशालता , मानवता और
सहानुभूति इन्शान के उत्तम गुण हे |
*महापुरष तो हमेशा यही प्रयास करते हैं कि मन ,
वचन , कर्म से सबकी समस्याओं का हल कर पाएं
* सकारात्मक बदलाव के लिए
पहले स्वयं को बदलना होगा |
* जिसने अपने मन पर काबू कर लिया
समझो उसने दुनिया पर काबू कर लिया |
अपनी भक्ति की महक साथ लेकर जाते हैं
उस महक से सरे संसार को महका देते हैं |
* प्यार , नम्रता , विशालता , मानवता और
सहानुभूति इन्शान के उत्तम गुण हे |
*महापुरष तो हमेशा यही प्रयास करते हैं कि मन ,
वचन , कर्म से सबकी समस्याओं का हल कर पाएं
* सकारात्मक बदलाव के लिए
पहले स्वयं को बदलना होगा |
* जिसने अपने मन पर काबू कर लिया
समझो उसने दुनिया पर काबू कर लिया |
* जहाँ विश्वास , भक्ति और समर्पित भाव एक भक्त का गहना होता हैं ,
वहीं भक्ति का एक अहम् हिस्सा चेतना भी होती हैं | *
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Nirankari Poem
dhan nirankar ji
ReplyDeleteDhan nirankar ji
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